बांग्लादेश अस्तित्व में कब आया, बांग्लादेश की आज़ादी की लड़ाई का इतिहास

बांग्लादेश दक्षिण एशिया में स्थित एक देश है। यहाँ की राजधानी का नाम ढाका है। इस देश की संस्कृति, धरोहर एवं इतिहास हजारों वर्ष पुराना है। बांग्लादेश 26 मार्च, 1971 एक आजाद देश के रूप में स्थापित हुआ। इस पोस्ट
में हम बांग्लादेश के निर्माण, दोष की संस्कृति, आज़ादी के प्रयासों इतिहास के बारे में जानेंगे।

बांग्लादेश का परिचय

बांग्लादेश सन् 1947 तक भारत देश का ही हिस्सा हुआ करता था। 1947 वही वर्ष था, जब भारत को अंग्रेजों के शासन से आज़ादी मिली थी और भारत पाकिस्तान का बंटवारा हुआ था। उस समय बांग्लादेश पाकिस्तान का हिस्सा करार हुआ था और पूर्वी पाकिस्तान (ईस्ट पाकिस्तान) के नाम से जाना जाता था। ख़ास बात यह थी कि पश्चिमी पाकिस्तान और पूर्वी पाकिस्तान (बांग्लादेश) के बीच लगभग 1000 मील की दूरी थी और वह 1000 मील भारत की जमीन थी। खैर चाहे जो भी हो, बांग्लादेश तब पाकिस्तान देश का ही हिस्सा था और यहाँ के लोगों को पाकिस्तान के द्वितीय श्रेणी के नागरिक का दर्जा मिला था।

बांग्लादेश की राजधानी ढाका
ढाका – बांग्लादेश की राजधानी

लोगों के साथ भेदभाव और आर्थिक व्यवस्था में गिरावट

जब बांग्लादेश बतौर पूर्व पाकिस्तान, पाकिस्तान देश का हिस्सा था तब बांग्लादेश के लोगों को काफी कठिनाई का सामना करना पड़ा। मुख्य पाकिस्तान (पश्चिमी पाकिस्तान) की सरकार पूर्वी पाकिस्तान (बांग्लादेश) के नागरिको के साथ भेदभाव करती व आर्थिक सुविधाओं के लाभ से भी वंचित रखती थी। हर जगह जैसे मिलिट्री, प्रशासन, व्यापार व अन्य क्षेत्रों में पश्चिमी पाकिस्तानी का बोलबाला था और पूर्वी पाकिस्तान के लोगों का वर्चस्व नगण्य समान था। फिर आगे चलकर, पूर्वी पाकिस्तान के लोगों को भाषा व संस्कृति में भी भेदभाव और बन्दिशों का सामना करना पड़ा, जब सरकार ने पूरे पाकिस्तान में उर्दू को राष्ट्रीय भाषा घोषित कर दिया जबकि पूर्वी पाकिस्तान में ज्यादातर लोग बंगाली बोलते लिखते थे। इसे पूर्वी पाकिस्तानियों ने एक षड्यंत्र की तरह देखा कि सरकार यह सब उनकी धरोहर नष्ट करने के लिए कर रही है।

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आजादी की लड़ाई – महत्वपूर्ण घटनाएं एवं आंदोलन

बांग्ला भाषा आंदोलन

यह आंदोलन बांग्ला भाषा को पूर्वी पाकिस्तान (बांग्लादेश) की राष्ट्रभाषा बनाने के लिए लाया गया था। सन् 1952 में
जब पाकिस्तानी सरकार ने स्कूलों और दफ्तरों में बंगाली भाषा पर रोक लगा दी थी तब यह आंदोलन अपनी चरम
पर पहुँच गया था। 21 फरवरी, 1952 में इस आंदोलन के एक छात्र प्रदर्शन ने उग्र हिंसा का रूप ले लिया था जब
पुलिस ने इस प्रदर्शन को रोकने का प्रयास किया। इसमें तमाम प्रदर्शनकारियों की जान तक चली गई थी। इस आंदोलन ने बहुत से अन्य आंदोलन, जुलूसों व प्रदर्शनों को चिंगारी दे दी थी जो सरकार के खिलाफ़ थे और सरकार उन्हें कैसे भी करके दबा रही थी। यह आंदोलन बांग्लादेश की आजादी की लड़ाई का अहम मोड़ माना जाता है।

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अवामी लीग

पूर्वी पाकिस्तान में 1949 में एक राजनीतिक पार्टी बनाई गई थी, उसी का नाम अवामी लीग था, और पूर्वी पाकिस्तानियों के अधिकारों के लिए इसका निर्माण किया गया था। 1970 में, अवामी लीग ने पाकिस्तान में राष्ट्रीय चुनाव जीता और नेशनल असेंबली में बहुमत वाली पार्टी बन गई। पार्टी के नेता, शेख मुजीबुर रहमान, पाकिस्तान के प्रधान मंत्री बनने के लिए तैयार थे। हालांकि, पश्चिमी पाकिस्तान में सैन्य सरकार ने अवामी लीग को सत्ता हस्तांतरित करने से इनकार कर दिया और शेख मुजीबुर रहमान को गिरफ्तार कर लिया। इससे पूर्वी पाकिस्तान में व्यापक विरोध और प्रदर्शन हुए।

स्वतंत्रता संग्राम

मार्च 1971 की घटनाओं ने एक क्रूर गृहयुद्ध की शुरुआत को चिह्नित किया जो उस वर्ष 16 दिसंबर तक चला। पश्चिमी पाकिस्तान में सैन्य सरकार ने पूर्वी पाकिस्तान के लोगों पर बड़े पैमाने पर कार्रवाई की, जिसमें हजारों निर्दोष नागरिक मारे गए थे।

युद्ध के परिणामस्वरूप एक स्वतंत्र देश के रूप में बांग्लादेश का निर्माण हुआ और एक लोकतांत्रिक सरकार की स्थापना हुई।

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बांग्लादेश की आज़ादी

बांग्लादेश की स्वतंत्रता, न्याय और समानता, एक लम्बे समय के लिए करे गए कठिन संघर्षों का परिणाम थी। देश का इतिहास अनगिनत व्यक्तियों के वीरतापूर्ण प्रयासों से चिह्नित है जिन्होंने भेदभाव और उत्पीड़न के खिलाफ लड़ाई लड़ी। 26 मार्च, 1971 की घटनाएँ बंगाली लोगों के साहस और ढृढ़ संकल्प का एक वसीयतनामा है, और देश की स्वतंत्रता उन सभी के लिए आशा का प्रतीक है जो न्याय और स्वतंत्रता के लिए प्रयास करते हैं।

बांग्लादेश की स्वतंत्रता का इस क्षेत्र और विश्व पर गहरा प्रभाव पड़ा। देश ने सामाजिक, आर्थिक और राजनीतिक विकास में महत्वपूर्ण प्रगति की है, बांग्लादेश का गठन दक्षिण एशिया के इतिहास में एक गौरवपूर्ण अध्याय है तथा स्वतंत्रता और सम्मान के लिए मानवीय भावना की खोज का एक बेहतरीन उदाहरण है।


बांग्लादेश कब आज़ाद होकर एक स्वतंत्र देश के रूप में अस्तित्व में आया?

बांग्लादेश 26 मार्च, 1971 एक स्वतंत्र देश के रूप में स्थापित हुआ। उससे पहले यह पाकिस्तान का हिस्सा था।

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